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राजस्थान सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों को देगी आदान अनुदान व फसल बीमा क्लेम, किसानों के लिए केंद्र से मांगी 2668 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की मांग

 

राजस्थान सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों के लिए केंद्र से मांगी 2668 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की मांग ।

इस साल अतिवृष्टि और बेमौसमी बारिश और सूखे (Drought) से राजस्थान में फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. ऐसे में राजस्थान सरकार ने सूखे से खराब हुईं फसलों को लेकर केंद्र सरकार से 2668 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की मांग की है. ताकि प्रभावित किसानों (Farmers) की मदद की जा सके. राज्य सरकार ने खरीफ-2021 में सूखे के कारण 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल खराबे से प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान के वितरण एवं राहत गतिविधियों के संचालन के लिए केन्द्र से इस रकम की मांग की है.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को भेजे जाने वाले ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने बताया कि खरीफ-2021 के दौरान प्रदेश में सूखे से फसल खराबे की ग्राउंड सर्वे किया गया है. इसकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य के 10 जिलों अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, जालोर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, चूरू एवं जोधपुर की 64 तहसीलों को गंभीर श्रेणी की सूखाग्रस्त घोषित किया गया है.

64 तहसीलों में सूखा

राज्य सरकार ने बताया कि गंभीर श्रेणी के सूखे से प्रभावित इन 64 तहसीलों में 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसलों का खराबा होने के कारण किसान परेशान हैं. प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित करने एवं राहत गतिविधियों के संचालन के लिए राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन (Disaster Management) विभाग भारत सरकार से अतिरिक्त मदद चाहता है. गहलोत के इस निर्णय से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि आदान एवं अनुदान वितरण तथा राहत गतिविधियों का संचालन शीघ्र हो सकेगा. इससे इन प्रभावित जिलों के किसानों को बड़ा संबल मिलेगा.

अतिवृष्टि और सूखा दोनों

बताया गया है कि करीब सात सौ गांवों में खरीफ की फसल में सूखे से 33 प्रतिशत या इससे ज्यादा नुकसान (खराबे) का आकलन किया गया है. राजस्थान (Rajasthan) में इस बार औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश में एक जून से 31 अगस्त कर सामान्य से 12.30 फीसदी कम बारिश हुई है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि की वजह से खरीफ फसलों को हुए नुकसान से प्रभावित 7 जिलों के 3704 गांवों को अभावग्रस्त घोषित करने की स्वीकृति दी थी.

अतिवृष्टि: प्रभावितों की मदद के लिए कितनी मदद मांगी

अशोक गहलोत ने मानसून के दौरान अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण फसल (Crop), जान-माल और मकानों को हुए नुकसान के प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 757 करोड़ की सहायता राशि की मांग की है. इससे 12.11 लाख किसान प्रभावित हुए थे. इसमें फसलों को हुए नुकसान के लिए सबसे ज्यादा 443 करोड़ की सहायता की मांग की थी. जबकि सड़कों, भवनों सहित अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 197 करोड़ रुपये मांगे गए थे.

2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर की जाए कृषि इनपुट सब्सिडी,संसद में राज्य सरकार ने रखी किसानों की मांग

                खरीफ फसल का सूखाग्रस्त क्षैत्र-2021-22

खरीफ फसल अतिवृष्टी क्षैत्र - 2021-22


खरीफ फसल की असिंचित क्षेत्र व सिंचित क्षेत्र में 2 हेक्टेर तक आदान-अनुदान --2021-22




कृषि इनपुट अनुदान सीमा प्रत्येक वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है | जिसकी भरपाई राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग योजनाओं के तहत की जाती है | परन्तु अभी तक किसानों को सिर्फ 2 हैक्टेयर तक की फसल क्षति की भरपाई ही सरकार द्वारा की जाती है ऐसे में राजस्थान के सांसद श्री नीरज डांगी ने मंगलवार को राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिए राजस्थान के संदर्भ में कृषि इनपुट सब्सिडी की अधिकतम सीमा 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक किये जाने की मांग की है | सांसद नीरज डांगी ने मांग करते हुए कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है परन्तु जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से यह प्रदेश देश में 24 वें स्थान पर है। उन्होंने बताया कि राजस्थान का एक बड़ा भू-भाग रेगिस्तानी या शुष्क जलवायु वाला है। यहां भूमि की उत्पादकता बहुत कम है और आम तौर पर एक वर्ष में केवल एक ही फसल की जाती है। प्रदेश में बारिश बहुत कम होती है तथा पहले जो जिले मरू विकास कार्यक्रम का हिस्सा थे, वहां किसानों के पास जमीन तो बहुत है परन्तु इस भूमि को जोतना बहुत मुश्किल है एवं यह जमीन अनुत्पादक (अनप्रोडक्टिव) है।

इन जिलों में किसानों के लिए बढ़ाई जाए लिमिट राजस्थान के ये जिले अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, सिरोही और उदयपुर हैं | इसलिए छोटे और सीमांत किसानों की पात्रता मानदंड जो 2 हैक्टेयर तक भूमि की सीमा है, वो इन जिलों के लिए उपयुक्त नहीं है | 5 हैक्टेयर तक के किसानों को शामिल किया जाए लघु किसानों की श्रेणी में सांसद श्री डांगी ने कहा कि इसके स्थान पर भारत सरकार द्वारा राजस्थान के परिपेक्ष्य में एसडीआरएफ के तहत सहायता के लिए एवं कृषि इनपुट सब्सिडी की अधिकतम सीमा 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक किया जाना चाहिए। इसी तरह सूखा विकास कार्यक्रम जिलों के 5 हैक्टेयर भू-धरिता वाले किसानों को लघु एवं सीमांत किसानों की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में राजस्थान सरकार द्वारा लगातार केन्द्रींय गृह मंत्रालय, से पत्राचार करते हुए अनुरोध किया जा रहा है। इस लिए भारत सरकार द्वारा राजस्थान के परिपेक्ष्य में यह सीमा 5 हैक्टेयर तक बढ़ाई जानी नितान्त आवश्यक है।





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