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संसद की सुरक्षा में चूक: खुफिया इनपुट के बावजूद एजेंसियां फेल, 6 लोगों ने मिलकर रची साजिश, 4 गिरफ्तार, 2 फरार ।।पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने जोखिम भी लिया है।

संसद की सुरक्षा में चूक: खुफिया इनपुट के बावजूद एजेंसियां फेल, 6 लोगों ने मिलकर रची साजिश, 4 गिरफ्तार, 2 फरार

13 दिसंबर, 2001. पुरानी संसद में हुए आतंकी हमले की खौफनाक याद आज भी हर किसी के जेहन में जिंदा है. इस दिन 5 आतंकियों ने संसद में हमला किया था, जिसमें दिल्ली पुलिस के 5 जवानों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस आतंकी वारदात के 22 साल बाद एक बार फिर संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. 

बुधवार को लोकसभा में कार्रवाही के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. इस दौरान संसद भवन में अफरा-तफरी मच गई. लोकसभा स्पीकर ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि खुफिय एजेंसियों और पुलिस के पास इनपुट होने के बावजूद ये घटना कैसे हुई है.

आईबी ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पहले इनपुट दे दिया था, ताकि इस तरह की घटना होने से रोका जा सके. इसके मद्देनजर संसद और आसपास की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई थी, लेकिन दो लोगों ने सुरक्षा चक्र तोड़ दिया. संसद में घुस गए. कुछ देर दर्शक दीर्घा में बैठने के बाद दोनों नीचे कूद गए. एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगे. 

इस दौरान एक शख्स ने अपने जूते से निकालकर पीले रंग की गैस स्प्रे कर दी. ऐसी ही घटना संसद के बाहर भी हुई. संसद में मौजूद सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया. उन्होंने जमकर पीटने के बाद सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई.

शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि संसद के बाहर से पकड़े गए नीलम और अमोल के पास मोबाइल फोन नहीं था. इनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र और बैग तक नहीं बरामद हुआ. दोनों ने किसी भी संगठन से संबंध होने से इंकार किया है. उनका दावा है कि वो लोग खुद से प्रेरित होकर संसद गए थे. जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे. 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर विरोध प्रदर्शन किया. 2 लोग इस मामले में फरार हैं ।

: बड़ी खबर
राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चयन में पूर्ण रूप से आरएसएस यानि संघ की चली है
तीनों ही राज्यों में संघ पृष्ठभूमि के विधायकों को ही मुख्यमंत्री की कमान दी गई है

115 विधायक प्लस निर्धलयों ने सर्व सहमति से विधायक दल का भजनलाल शर्मा को नेता चुना ।


: बड़ी खबर
विधायक दल की बैठक में जाने से पहले आज सुबह करीब 10 बजे जयपुर संघ कार्यालय भारती भवन गए थे भजनलाल शर्मा
भारती भवन में आरएसएस के क्षेत्रिय प्रचारक निंबाराम जी से की थी मुलाकात व मंत्रना
भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के पीछे संघ की मुख्य भूमिका
12 दिसम्बर 2023 को भाजपा विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह सहित तीन पर्यवेक्षको ने विधायक दल की बैठक के पश्चात भजनलाल शर्मा को सीएम, दिया कुमारी, प्रेमचन्द बैरवा को डिप्टी सीएम व वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष मनोनित किया ।
15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा अपने जन्मदिन पर लेंगे शपथ
जयपुर
मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह।
15 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करेंगे भजनलाल शर्मा।
भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में जुटी बीजेपी।
एसएमएस स्टेडियम में किया जा सकता है शपथ ग्रहण कार्यक्रम।
जनपथ ,अल्बर्ट हॉल, विद्याधर नगर स्टेडियम में पर भी किया जा रहा विचार।
संभवत एसएमएस स्टेडियम में ही होगा शपथ ग्रहण समारोह।
मुख्यमंत्री के साथ 1 दर्जन से अधिक मंत्री भी लेंगे शपथ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री को किया जाएगा आमंत्रित।


ब्रेकिंग न्यूज बाप
बाप थाने में नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज
अपहर्ता के भाई ने दी आरोपी कमल मेघवाल निवासी नूरे की भुर्ज के खिलाफ पुलिस को लिखित रिपोर्ट
आरोपी पर नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का है आरोप
पुलिस ने कमल मेघवाल के खिलाफ किया नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज
बाप पुलिस जुटी जांच में
रिपोर्ट by कविकान्त खत्री
पत्रकार बाप
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UIDAI ने आधार अपडेशन को लेकर दी बड़ी राहत 
तीन महीने के लिए बढ़ाई आधार अपडेट करने की समय सीमा, अपने 10 साल पुराने आधार कार्ड को फ्री में करा सकेंगे अपडेट, पहले 14 दिसंबर तक थी आधार अपडेशन की डेड लाइन

पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने जोखिम भी लिया है।

राजनीति के धुरंधर विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाना और फिर सरकार चलाना आसान नहीं।

भजनलाल को तलाशने में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की महत्वपूर्ण भूमिका।
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भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री तो बना दिया, लेकिन इसके साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने जोखिम भी लिया है। मुख्यमंत्री के लिए राजनीतिक अनुभव होना जरूरी है, इस धारणा को पीछे धकेलते हुए भजनलाल शर्मा अब 15 दिसंबर को राजस्थान जैसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। इस बार भाजपा के 115 विधायक हैं। इनमें से चार विधायक तो सांसद भी हैं। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जैसे दिग्गज नेता भी विधायक हैं। कोई चालीस ऐसे विधायक हैं जो मंत्री पद पर अपना मजबूत दावा मानते हैं। यह बात अलग है कि कुछ वरिष्ठ विधायक स्वयं ही मंनी बनने का इरादा त्याग दें। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में भजनलाल के साथ साथ जयपुर राजघराने की दीया कुमारी और अनुसूचित जाति वर्ग के प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। माना जा रहा है कि कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की नियुक्ति भी राष्ट्रीय नेतृत्व अपने नजरिए से करेगा। ऐसे में भजनलाल के लिए सरकार चलाना जोखिम भरा है। यह जोखिम तब और बढ़ जाता है, जब वसुंधरा राजे जैसी नेता भी विधायक की भूमिका में है। सब जानते हैं कि पीएम मोदी ने चुनावी सभाओं में कहा था कि भाजपा की सरकार बनते ही राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर से वैट कम कर दिया जाएगा। रसोई गैस का सिलेंडर भी मात्र 450 रुपए में मिलेगा। यानी भजनलाल को एक और सरकार के राजस्व कम करने वाले निर्णय लेने पड़ेंगे तो दूसरी ओर जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी भी रखना होगा। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो मुफ्त की योजनाएं लागू की उनमें कटौती करना भजनलाल शर्मा के लिए कठिन होगा। यह सही है कि भजनलाल शर्मा अब तक भाजपा के संगठन में सक्रिय रहे और उनकी छवि साफ सुथरी और ईमानदारी वाली है। लेकिन अब भजनलाल को मुख्यमंत्री का दायित्व निभाना है। भजनलाल को यह भी ध्यान रखना होगा कि विपक्ष में करीब 80 विधायक हैं, इनमें से 70 कांग्रेस के है। कांग्रेस का प्रयास होगा कि भजनलाल को विफल किया जाए।
 
चंद्रशेखर की तलाश:
प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए भजनलाल शर्मा का नाम तलाशने में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। असल में चंद्रशेखर पिछले कई वर्षों से संगठन का दायित्व संभाल रहे हैं। चंद्रशेखर को भाजपा के प्रत्येक नेता और कार्यकर्ता के बारे में विस्तृज जानकारी है। सूत्रों की माने तो चंद्रशेखर की पहल पर ही भजनलाल को भरतपुर से निकाल कर जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया। सांगानेर को सुरक्षित मानते हुए ही भजनलाल को उम्मीदवार बनाया गया। यानी चंद्रशेखर को यह पता था कि भजनलाल ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन इसे भाजपा और चंद्रशेखर की रणनीति ही कहा जाएगा कि आखिर समय तक भजनलाल के नाम को गुप्ता रखा गया। 12 दिसंबर को जब नवनिर्वाचित विधायकों का फोटो सेशन हुआ, तब भी भजनलाल पांचवीं पंक्ति में खड़े नजर आए। राजस्थान में भाजपा के उम्मीदवारों के चयन और फिर प्रचार की रणनीति बनाने में भी चंद्रशेखर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आखिर अब राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे की भूमिका क्या होगी?

नकारात्मक भूमिका निभाने से राजे को काफी नुकसान हुआ है।

क्या 10 दिसंबर को वसुंधरा राजे से मुलाकात करने वाले विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा?
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राजस्थान में भाजपा की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कितना दखल रहा है, इसका अंदाजा 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के लिए भजन लाल शर्मा का नाम प्रस्तावित करने से लगाया जा सकता है। राजे से भजनलाल का नाम इसलिए प्रस्तावित करवाया गया ताकि भाजपा में कोई विवाद नजर नहीं आए। सवाल उठता है कि भजनलाल का नाम का प्रस्ताव रखने के बाद क्या प्रदेश में भाजपा की राजनीति में राजे की भूमिका समाप्त हो गई है। इस सवाल का जवाब तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। लेकिन यह सही है कि राजस्थान में पिछले 25 वर्षों से अशोक गहलोत (कांग्रेस) और वसुंधरा राजे (भाजपा) को जो युग चल रहा था, वह समाप्त हो गया है। बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेस में गहलोत का भविष्य नजर नहीं आता। इसी प्रकार भाजपा में वसुंधरा राजे बहुत कमजोर रह गई है। मैं ही मुख्यमंत्री बने इसके लिए राजे ने पूरी ताकत लगा दी, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिली। असल में पिछले दस वर्षों में (मोदी के पीएम बनने के बाद) राजे ने जो नकारात्मक भूमिका निभाई उसी वजह से राजे तीसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बन सकी। राजस्थान की राजनीति में रुचि रखने वालों को पता है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच जब राजे सीएम थीं, तब राजस्थान की राजनीति में बदलाव के प्रयास किए गए, लेकिन उस समय भी राजे ने राष्ट्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देशों की अवहेलना की। 2018 में चुनाव हारने के बाद भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व चाहता था कि राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो इसलिए उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन राजे ने राजस्थान नहीं छोड़ा और शक्ति प्रदर्शन करती रही। मई 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हुए तब भी वसुंधरा राजे को कोई महत्व नहीं दिया गया। राजे के सहयोग के बगैर भाजपा ने प्रदेश की सभी 25 सीटें जीती। लेकिन राजे ने तब भी राष्ट्रीय नेतृत्व का इशारा नहीं समझा। सतीश पूनिया के अध्यक्ष रहते हुए वसुंधरा राजे ने भाजपा को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि अपने समर्थक बीस विधायकों से प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया तक के खिलाफ पत्र लिखवाया। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा जब जब मजबूत नजर आती तब तब वसुंधरा ने भाजपा में फूट होने के कार्य किए। कभी जन्मदिन तो कभी देव दर्शन यात्रा के नाम पर शक्ति प्रदर्शन किया। यह दिखाने का प्रयास किया गया कि राजस्थान में भाजपा और वसुंधरा राजे अलग अलग है। अगस्त 2020 में जब कांग्रेस ने राजनीतिक संकट उत्पन्न हुआ, तब भी राजे ने भाजपा विधायकों के बीच नकारात्मक रवैया अपनाया। राजे चाहती थीं कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने ऐसा नहीं किया, लेकिन फिर भी राजे सीएम बनने का सपना देखती रही। यूं तो राजे को राजनीति का चतुर खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन वसुंधरा राजे नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रणनीति का आकलन नहीं कर सकी। 3 दिसंबर को नतीजे आने के बाद राजे ने कुछ विधायकों की जिस तरह अपने घर पर परेड करवाई उस से साफ लगा कि राजे मुख्यमंत्री बनने के लिए दबाव बना रही है। राजे ने पिछले दस वर्षों में जो नकारात्मक राजनीति की उसी का परिणाम है कि आज उनके हाथ से राजनीति निकल गई है। अच्छा हो कि राजे अब नकारात्मक राजनीति करने के बजाए सकारात्मक रवैया प्रदर्शित करें। राजे ने राजनीति में बहुत कुछ हासिल किया है। 6 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुकी हैं। 2003 में राजे को जब सीएम बनाया गया था तब कई वरिष्ठ नेताओं को पीछे धकेला गया। राजे को तब के हालातों का ध्यान रखना चाहिए और अब नए और युवा चेहरों को आगे आना देना चाहिए। जहां तक लोकसभा चुनाव का सवाल है तो राजे को कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो रणनीति बनाएंगे उसमें लगातार तीसरी बार राजस्थान की सभी 25 सीटें भाजपा को मिलेंगी। अपनी भूमिका खुद तय करने के बजाए वसुंधरा राजे को अब मोदी और शाह  पर अपनी भूमिका का निर्णय छोड़ देना चाहिए। जहां तक मीडिया का सवाल है तो राजे को मीडिया के झांसे में नहीं आना चाहिए। मीडिया ने ही राजे को शेरनी बताकर मोदी और शाह से भिड़ा दिया। उम्र के तकाजे को देखते हुए भी वसुंधरा राजे को अब तनाव मुक्त जीवन व्यतीत करना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि वसुंधरा राजे एक लोकप्रिय नेता हैं और उनकी सनातन धर्म में गहरी आस्था है। राजे को अब देवी-देवताओं का इशारा भी समझना चाहिए। यदि सकारात्मक रुख अपनाती है तो वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद के बगैर भी राजस्थान में सम्मान हासिल कर सकती हैं जो वसुंधरा राजे ईश्वर पर भरोसा  करती हैं, उन्हें यह भी समझना चाहिए कि ईश्वर की मर्जी के बगैर कुछ नहीं होता।
 
मुलाकात करने वाले विधायक मंत्री बनेंगे:
12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा का नाम प्रस्तावित करने से पहले वसुंधरा राजे और केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह के बीच क्या समझौता हुआ यह तो वे ही जाने, लेकिन सवाल उठता है कि 10 दिसंबर को जिन भाजपा विधायकों ने राजे के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर उपस्थिति दर्ज करवाई क्या उन्हें अब मंत्री बनाया जाएगा? जिन विधायकों ने राजे से मुलाकात की उनमें बहादुर सिंह कोली, जगत सिंह, संजीव बेनीवाल, अजय सिंह किलक, अंशुमान सिंह भाटी, बाबू सिंह राठौड़, कालीचरण सराफ, अर्जुनलाल गर्ग, केके विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचंद कृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत और कैलाश वर्मा आदि शामिल हैं।

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पश्चिम बंगाल के वर्धमान रेलवे स्टेशन पर भड़भड़ा कर गिरा पानी का टैंक, तीन लोगों की हुई मौत, 10 घायल, हावड़ा-वर्धमान शाखा में ट्रेन सेवा बंद।

संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर फिर सुरक्षा में: 2 युवक विजिटर गैलरी से लोकसभा में कूदे, सांसदों में अफरातफरी; दोनों गिरफ्तार

संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया
यहां एक युवक लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में घुस गया. लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा की सुरक्षा में आज बड़ी चूक हुई है। लोकसभा में दर्शक दीर्घा से एक शख्स कुद गया। इस कारण लोकसभा की कार्रवाई को रोकना पड़ा। लोकसभा की कार्रवाई 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

संसद में एंट्री पास रद्द करने का आदेश
संसद में आज दो लोगों के घुस जाने और फिर वहां धुएं के पटाखे छोड़ने के बाद सनसनी फैल गई है। इस घटना के बाद संसद सचिवालय ने अब एक बड़ा निर्णय लिया है। अब संसद में दर्शक दीर्घा में अगले आदेश तक एंट्री बैन रहेगी। इसी के साथ संसद में एंट्री के लिए बनने वाले ई-पास पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सांसदों के निजी सहायकों के पास भी बैन कर दिए गए हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े ठिकानों पर 350 करोड़ रुपये से ज्यादा मिल चुके हैं

◆ बेहिसाब नकदी पर टैक्स के तौर पर 30 फीसदी काटा जाएगा

◆ साथ ही अवैध धन पर 60 फीसदी पेनल्टी लगेगी

◆ संदिग्धों को जब्त की गई राशि पर ब्याज भी देना होगा

◆ पूरी प्रक्रिया के बाद संदिग्ध को कुछ रुपये वापस मिलने की भी संभावनाएं 

◆ अगर ऐसा होता है तो विभाग डिमांड ड्राफ्ट के जरिए रकम लौटा देता है

🔴राजस्थान के नए सीएम की पहली सुबह कैसी रही
भजनलाल शर्मा के सीएम बनने के बाद कार्यकर्ता और प्रशंसक शुभकामनाएं प्रेषित करने पहुंचे.

जयपुर ।
नए सीएम भजनलाल शर्मा के नाम की घोषणा के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओ में खुशी की लहर दौड़ गई. इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ फतेहपुर शेखावाटी मे बीजेपी जीत दर्ज नही करवा सकी. लेकिन सीएम के नाम के ऐलान के बाद यहां हवा कुछ बदली-बदली नजर आ रही है. घोषणा के बाद सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. सीएम बनने के बाद पहली सुबह की उनकी तस्वीरें भी सामने.

इन सबके बीच सीएम बनने के बाद भजनलाल शर्मा के आवास पर सुबह होते ही कार्यकर्ता और प्रशंसक मुलाकात करने पहुंचे. उन्होंने नए मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं प्रेषित की.

इधर, भरतपुर के रहने वाले राजस्थान के नए मुख्यमंत्री 56 वर्षीय भजनलाल शर्मा के पिता किशन स्वरूप का कहना है कि हम तो किसान हैं, गांव में 35 बीघा जमीन है. वह अपने इकलौते पुत्र को अध्यापक बनाना चाहते थे. इसलिए उन्हें बीएड भी करवाई.

बता दें कि राजस्थान में पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने चौंका दिया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पूरी तरह से दरकिनार कर एमपी-छत्तीसगढ़ वाला फॉर्मूले ही राजस्थान में भी अपनाया गया और एक सरप्राइज फेस सीएम के तौर पर दे दिया गया ।

 देश राज्यों से बड़ी खबरें

1. संसद हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा फिर धराशायी, विजिटर्स गैलरी से 2 लोग लोकसभा में कूदे, पीला धुआं छोड़ा;

2. 'क्या हुआ गिर गया, कूद गया, पकड़ो-पकड़ो इसको...', लोकसभा के अंदर का वीडियो आया सामने, मचा हड़कंप

3. लोकसभा के कार्यवाही वाली वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक अचानक से पीछे से सांसदों के बीच कूदता है और बीच में जाकर इधर-उधर देखता है। फिर वह जूता निकालता हुआ दिखता है और उसमें से कुछ निकालने की कोशिश करता है

4. संसद हमले के 22 साल, उपराष्ट्रपति-स्पीकर ने दी श्रद्धांजलि, मोदी-शाह, खड़गे और सोनिया मौजूद रहे, PM शहीदों के परिवार से भी मिले

5. मोहन यादव MP के 19वें मुख्यमंत्री, देवड़ा, शुक्ल ने डिप्टी CM की शपथ ली, 10 मिनट का समारोह; भीड़ में घिरे शिवराज, मामा-मामा के नारे

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8. महादेव बेटिंग ऐप का मालिक रवि उप्पल UAE में गिरफ्तार, जल्द भारत लाने की तैयारी; मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED जांच कर रही है

9. हमारे साथ कुछ भी हो सकता था': संसद हमले की 22वीं बरसी पर हुई घटना को लेकर डरे सांसद

10. प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खुले 51 करोड़ से ज्यादा खाते, 2 लाख करोड़ से अधिक रकम हुई जमा- वित्त मंत्रालय

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13. तीन राज्यों में नए नेतृत्व से BJP ने लिखी तीन नई कहानी,- 2024 से पहले बड़े बदलाव के और भी संकेत

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15. अदालत को मजबूर न करे...रैपिड रेल प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार

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17. विष्णुदेव साय ने हिंदी में ली सीएम पद की शपथ, अरुण साव और विजय शर्मा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली

18. गिरावट के बाद संभला शेयर बाजार सेंसेक्स निफ्टी दोनों हरे निशान पर बंद हुआ

विष्णु, मोहन, भजन ने सत्तिसगढ, मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीएम की कमान ।
हनुमान बेनीवाल और गुरजीत सिंह औजला दोनों सांसदों ने सदन में घुसने वालों को थप्पड़ भी मारे

 Jaipur विभागवार बजट बैठकों के समय में बदलाव
34 विभागों की टाइम और डेट में किया बदलाव, अब ये बैठकें 29 दिसंबर से 25 जनवरी के बीच, वित्त विभाग ने जारी किया आदेश

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मानहानि मामला 
अशोक गहलोत के खिलाफ चलेगा ट्रायल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया फैसला

लोकसभा स्पीकर ने पूर्व सांसदों और सांसदों के निजी सहायकों के इंट्री पास रद करने के दिए आदेश

मध्य प्रदेश में लाउड स्पीकर पर बैन, धार्मिक, सार्वजनिक स्थानों पर रहेगा बैन, मध्य प्रदेश CM मोहन यादव ने लिया बड़ा फैसला

बङी खबर
तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ ने आज जयपुर में संघ कार्यालय भारती भवन पहुंचकर क्षेत्रीय प्रचारक श्री निंबाराम से की मुलाकात ।

दैनिक नवज्योति अखबार से डिजिटल समाचार

अखिल भारतीय विश्नोई महासभा - मुकाम के कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बुङिया व विपक्षी गुट में हाथापाई । विश्नोई आरक्षण व अंतरजातीय विवाह को लेकर दो गुटो में हाथापाई तथा बिहारीलाल विश्नोई को हराने में देवेन्द्र बुङिया व कुलदीप विश्नोई का रोल ।
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