Type Here to Get Search Results !

Header ads

Bottom Ad

Pics-Art-01-24-09-38-48

भजनलाल सरकार का एक महीने का रिपोर्ट कार्ड:अपराधियों के घर चलाए बुलडोजर; किस पर एक्शन और कहां पीछे रह गए मुख्यमंत्री

भजनलाल सरकार का एक महीने का रिपोर्ट कार्ड:अपराधियों के घर चलाए बुलडोजर; किस पर एक्शन और कहां पीछे रह गए मुख्यमंत्री


जयपुर
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल को शपथ लिए 15 जनवरी को ठीक एक महीना हो गया है। गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों के घर बुलडोजर चलवाकर अपराधियों को एक सख्त संदेश देने का प्रयास किया।

IAS अफसरों की दो तबादला सूचियां आई, लेकिन ब्यूरोक्रेसी में एमपी जैसा कोई बड़ा एक्शन नहीं दिखा। एमपी की मोहन सरकार ने लापरवाह अफसरों को सस्पेंड कर कड़ा संदेश दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर आकर सभी मंत्री-विधायकों को निर्देश दिए थे कि वे हर महीने एक गांव में रुकें और अपना टिफिन लेकर जाएं। अभी तक योजना कागजों में भी नहीं आई है।

मंत्रियों को पोर्टफोलियो सौंपने के बाद कैबिनेट की बैठक भी नहीं हुई है। तबादलों के इंतजार में पुलिस महकमा भी सुस्ती से काम कर रहा है। हालांकि, भजनलाल की टीम अनुशासन में रही और बयानबाजियों से दूर ही नजर आई।

मंडे स्पेशल स्टोरी में पढ़िए- राजस्थान सरकार अपने एक महीने के कार्यकाल में एमपी के मुकाबले कौन से संदेश देने में पीछे रहा और किस मामले में आगे...

1. सबसे पहला एक्शन ब्यूरोक्रेट्स का तबादला : सूची में बरती नरमी, सख्त प्रशासक का संदेश नहीं

लगातार तीन दशकों से जब भी राजस्थान में सरकार बदली है, तो ब्यूरोक्रेट्स पर दबाव बनाने की कोशिश हमेशा से रही है, ताकि जनता को राहत देने के लिए योजनाएं सही से लागू हो सकें। सीएम भजनलाल ने दो बार आईएएस की तबादला सूची जारी की, लेकिन कोई सख्त संदेश देने का प्रयास नहीं दिखा। जो अफसर गहलोत सरकार में बड़ी जिम्मेदारी पर थे, उनमें कोई खासा बदलाव नहीं हुआ।

कानून व्यवस्था को लेकर एक मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
कानून व्यवस्था को लेकर एक मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
गहलोत सरकार में वित्त का जिम्मा उठा रहे अखिल अरोड़ा पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई थीं, जो फिलहाल अपना पद बचाने में कामयाब हो गए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री भजनलाल ने खान, ऊर्जा सहित विभिन्न विभागों की बैठकों में अधिकारियों को फिजूलखर्चा रोकने के निर्देश दिए, लेकिन अब तक किसी भी विभाग ने खास अमल नहीं किया है।

एमपी सरकार ने 3 एक्शन लेकर दिया सख्त संदेश : इस मामले में एमपी से तुलना करें, तो सीएम डॉ. मोहन यादव ने ब्यूरोक्रेसी को यह कहते हुए सख्त संदेश दिया कि ‘कलेक्टर साहब ध्यान रखिए पटवारी से गलती हुई तो आप पर भी कार्रवाई होगी।’

गुना (एमपी) में हादसे में 13 लोगों के जिंदा जलने के मामले में आरटीए को निलंबित किया और प्रमुख सचिव को भी हटा दिया।
एक समीक्षा बैठक के दौरान जबलपुर कलेक्टर को भी हटा दिया। साथ ही, ड्राइवर को औकात दिखाने की बात करने वाले शाजापुर कलेक्टर को चंद मिनटों में भोपाल बुलाने के आदेश जारी हो गए।
2. मंत्री-विधायकों का काम : मोदी के निर्देश के बाद भी सुस्त रणनीति

डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस के लिए पीए मोदी 5 से 7 जनवरी के बीच जयपुर आए थे।
डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस के लिए पीए मोदी 5 से 7 जनवरी के बीच जयपुर आए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही तीन दिवसीय दौरे पर आए थे। मोदी ने सभी मंत्री- विधायकों को निर्देश दिए थे कि वे हर महीने एक गांव में रुकें और अपना टिफिन लेकर जाएं। हालांकि, इस निर्देश को 10 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन अब तक योजना कागजों में भी नहीं आई है। मोदी ने कहा था कि यदि हर महीने एक गांव में एक बार मंत्री-विधायक रुकेंगे और रात बिताएंगे, तो हर प्रतिनिधि 5 साल में 60 गांवों की तकलीफ जान लेगा।

भाजपा मुख्यालय में मंत्री-विधायकों की बैठक में पीएम मोदी ने जो निर्देश दिए थे, उन पर भी कोई अमल नहीं हुआ। सरकार के काम करने की स्पीड को लेकर खुद पार्टी में ही चर्चाएं तेज हो गई हैं।

दूदू के एक गांव में बीजेपी कार्यकर्ता के खेत में भोजन करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
दूदू के एक गांव में बीजेपी कार्यकर्ता के खेत में भोजन करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
भास्कर ने जब कुछ विधायकों से बात की, तो उन्होंने कहा कि हम दौरे तो करते ही हैं। लेकिन योजनाबद्ध तरीके से गांवों में रुकने के लिए कोई आदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के हर आदेश की पालना होगी, आदेश आए तो ठीक, नहीं आएं तो भी कोई बात नहीं, हम अपने स्तर पर निर्देश की पालना करेंगे।

एमपी सरकार का अफसरों को फील्ड में रहने संदेश : इस मामले में एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों-विधायकों और अधिकारियों को फील्ड में रहने का संदेश दे दिया है। सीएम अब तक 5 संभागों में पहुंच कर संबंधित संभाग के अफसरों की परफॉर्मेंस को लेकर समीक्षा बैठकें कर चुके हैं। हर संभाग से अधिकारियों के कामों की सीधी सूचना सीएम तक पहुंच रही है।

3. राजस्थान में क्राइम : बुलडोजर चला, पेपर लीक में कार्रवाई, लेकिन खाकी को सख्त लाइन ऑफ एक्शन का इंतजार

गोगामेड़ी हत्याकांड में शामिल रहे शूटर रोहित राठौड़ के ठिकानों पर बुलडोजर चला। राज्य सरकार ने बदमाशों को एक सख्त संदेश देने का प्रयास किया। वहीं, पेपर लीक को लेकर एसआईटी गठन के आदेश में भी देरी नहीं की। एसआईटी ने छोटी-मोटी कार्रवाइयां भी कीं। लेकिन गहलोत सरकार पर बेलगाम महिला अत्याचारों को लेकर निशाना साधने वाली बीजेपी की सरकार में भी बलात्कार की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं।

गोगामेड़ी हत्याकांड में शामिल रहे आरोपी रोहित के घर पर बुलडोजर चलाते हुए पुलिस।
गोगामेड़ी हत्याकांड में शामिल रहे आरोपी रोहित के घर पर बुलडोजर चलाते हुए पुलिस।
साइबर क्राइम डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने जयपुर स्थिति पुलिस मुख्यालय में एक साइबर एक्सपर्ट को आरपीएस की वर्दी पहनने के आदेश जारी किए और बाकायदा चेंबर भी अलॉट किया। अवैध रूप से वर्दी पहनाने के आदेश का खुलासा होने के बावजूद भजनलाल सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस महकमे को सरकार की ओर से एक सख्त लाइन ऑफ एक्शन का इंतजार है।


आईपीएस-आरपीएस अधिकारियों के बीच तबादलों के इंतजार के चलते सुस्ती छाई हुई है। आईपीएस अधिकारियों के दिन केवल तबादलों का इंतजार में बीत रहे हैं। यही कारण हैं कि अफसर बदली होने के इंतजार में प्रभावी एक्शन करने से भी कतरा रहे हैं। आईपीएस के कमरों में ट्रांसफर लिस्ट की बातों के अलावा कोई चर्चा नहीं है।

एमपी सरकार का जिम्मेदारी लेने का संदेश - पुलिस के मामले में भी एमपी के सीएम ने क्राइम रोकने की जिम्मा सौंप दिया है। सरकार ने वहां अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (ADG) को भी एक-एक संभाग की कानून-व्यवस्था को ठीक रखने का जिम्मा दिया है। यह एक तरह से नया प्रयोग है। अब वे भी PHQ के दफ्तरों से निकलकर फील्ड में जमीनी हकीकत से जुड़े रहेंगे।

4. देरी का संदेश : सीएमओ में नहीं लगे आईएएस-आरएएस, दिल्ली की ओर नजरें

भाजपा-कांग्रेस में ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा है कि हर बड़ा फैसला और दिन दिल्ली से तय हो रहा है। अब सीएम के दफ्तर में आईएएस व आरएएस लगाने के लिए भी दिल्ली की ओर नजरें टिकी हुई हैं। सीएमओ में आईएएस और ओएसडी के रूप में लगाए जाने वाले अधिकारियों की जगह खाली पड़ी हुई हैं। फिलहाल एडिशनल चार्ज के तौर पर ही सीएम के प्रमुख सचिव व सचिव काम कर रहे हैं।

मंत्रियों के ओएसडी के रूप में अभी कई अफसरों की नियुक्ति होनी बाकी है।
मंत्रियों के ओएसडी के रूप में अभी कई अफसरों की नियुक्ति होनी बाकी है।
सूत्रों के अनुसार गुजरात के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेपी गुप्ता यहां सीएम भजनलाल के एसीएस बनेंगे। वहीं, ओएसडी के रूप में चार-पांच आरएएस लगाए जाने हैं। अधिकारियों को लगाने के लेकर संघ भी अपनी सलाह दे रहा है, जिस पर गंभीरता से अमल भी किया जा रहा है। प्रशासन और सरकार की गतिविधियों में िसंघ का दखल बने रहने के संदेश जनता तक पहुंच रहे हैं।

एमपी ने पहले बना ली सीएमओ के अधिकारियों की टीम - इस मामले में एमपी से राजस्थान की तुलना करके देखें, तो राजस्थान बहुत पीछे नजर आ रहा है। राजस्थान सीएमओ में अधिकारियों की टीम बनाने में सरकार तेज गति नहीं दिखा पा रही। एमपी में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों की टीम दिसम्बर में ही पूरी कर ली थी।

5. राहत का संदेश : सस्ते सिलेंडर की घोषणा, बस सब्सिडी खातों में पहुंचने का इंतजार

राजस्थान सरकार जनता को राहत देने में पीछे नहीं हटने का संदेश देने में कामयाब जरूर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी के वादे के अनुसार भजनलाल सरकार पिछली गहलोत सरकार की ओर से मिल रही राहतों को नहीं रोकेगी।

मुख्यमंत्री ने घोषणा पत्र के मुताबिक 450 रुपए में सिलेंडर देने का वादा निभाया है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा पत्र के मुताबिक 450 रुपए में सिलेंडर देने का वादा निभाया है।
सीएम भजनलाल ने अपने घोषणा पत्र में शामिल 450 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा की और सरकार ने 1 जनवरी से सस्ता सिलेंडर देने की व्यवस्था के तहत केवाईसी भी अपडेट करवाने शुरू कर दिए हैं। बस सब्सिडी खातों में पहुंचने का इंतजार है। सीएम भजनलाल की ओर से अधिकारियों को जल्द सब्सिडी खातों में डालने को लेकर सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के निर्देश दे दिए हैं।

एमपी में खातों में गई लाडली बहनों की राशि : एमपी में भी सरकार बनने के बाद लाडली बहनों के खातों में राशि आने को लेकर आशंकाएं उठने लगी थीं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने भी लाड़ली बहनों के खाते में राशि डाल दी।

7. अनुशासन : बयानबाजियों पर ताला, लेकिन रोल दिल्ली का

राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार में नेताओं के आए दिन एक से बढ़कर एक बयान सुर्खियों में छाए रहते थे। लेकिन पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर सीएम बने भजनलाल की टीम में राजनीतिक अनुशासन देखने को मिला है। ऐसा ही अनुशासन एमपी की सरकार बनने के बाद वहां भी देखने को मिल रहा है।

हवामहल विधानसभा सीट से जीत के बाद बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य ने खुले में मास बेचने का मुद्दा उठाया था।
हवामहल विधानसभा सीट से जीत के बाद बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य ने खुले में मास बेचने का मुद्दा उठाया था।
चुनाव जीतने के बाद विधायक बालमुकुंद आचार्य ने जरूर मास खुले में बेचने और लाइसेंस नहीं होने का मुद्दा उठाया था। लेकिन अब वे भी खामोश हैं। पार्टी नहीं चाहती कि भजनलाल सरकार को किसी भी नेता की बयानबाजियों से बैकफुट पर आना पड़े या किसी तरह की कोई सफाई देनी पड़े। आलाकमान सीएम भजनलाल को काम करने का पूरा माहौल देना चाह रहा है।

भाजपा सूत्रों के अनुसार राजस्थान में सभी नेताओं को मैसेज है कि आलाकमान की नजरें हर नेता पर हैं। निर्देश है कि अनर्गल बयानबाजियों से बचना है। सरकार में अनुशासन नजर आना चाहिए। राजस्थान के सभी विधायक-मंत्री बराबर निर्देशों की पालना कर भी रहे हैं। यह भी कहा गया है कि हर मुद्दे पर या हर रोज बोलना किसी भी नेता के लिए कोई जरूरी नहीं है।

8. चुनौती : विधानसभा होने वाली है शुरू, पहले आंदोलन को भी मैनेज करने में लेट

भजनलाल सरकार के सामने बेरोजगार छात्रों ने आरएएस भर्ती परीक्षा को आगे बढ़ाने को लेकर आंदोलन छेड़ा हुआ है। छात्रों ने भजनलाल सरकार से परीक्षा की तारीख बढ़ाने को लेकर मांग उठाई। वहीं, आंदोलन के तहत 24 दिसंबर को बेरोजगार युवाओं ने विरोध में रैली भी निकाली। इसके बाद लगातार धरना जारी है।

आरएएस मेन्स परीक्षा को स्थगित करने के लिए अभ्यर्थियों ने राजस्थान विवि के मुख्य द्वार पर सत्याग्रह शुरू कर रखा है।
आरएएस मेन्स परीक्षा को स्थगित करने के लिए अभ्यर्थियों ने राजस्थान विवि के मुख्य द्वार पर सत्याग्रह शुरू कर रखा है।
राज्य सरकार अब तक किसी तरह का कोई निर्णय नहीं कर पाई है। सरकार तारीख बढ़ाने या नहीं बढ़ाने को लेकर निर्णय नहीं कर पा रही और छात्र आंदोलन समाप्त करने को राजी नहीं हो रहे। छात्र और सरकार दोनों ही असमंजस की स्थिति का सामना कर रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और मदन दिलावर आंदोलन स्थल पर पहुंचकर छात्रों से मिल चुके हैं और उनकी समस्याएं सुन भी लीं। लेकिन दोनों ने ही बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने और कोई उपाय करने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी केवल इतना कहा कि जल्द कोई रास्ता निकाला जाएगा। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

सूत्रों ने कहा कि आंदोलन को खत्म करने को लेकर राज्य सरकार में अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। आंदोलन को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाए भी नहीं गए हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad

Picsart-24-07-12-21-43-41-833

Below Post Ad

Pics-Art-01-23-04-04-31

Bottom Ad

Pics-Art-01-23-04-04-31