बैंकों को लूटकर देश छोड़कर भागे लोगों की लिस्ट:- पूरा पढोगे तो राज समझ में आयेगा ।
1. विजय माल्या 2. मेहुल चौकसी 3. नीरव मोदी 4. निशांत मोदी 5. पुष्पेश पद्य 6. आशीष जोबनपुत्र 7. सनी कालरा 8. आरती हैजा 9. संजय कालरा 10. वर्षा कालरा 11. सुधीर कालरा 12. जादिन मेहता 13. उमेश पतले 14. कमलेश पतला 15. नीलेश परिहो 16. विनय मित्तल 17. एकवचन जाली 18.चेतन जयंतीलाल दारा 19. नितिन जयंतीलाल दारा 20. दीप्तिबन चेतन 21. साविया सेठा 22. राजीव गोयल 23. अलका गोयल 24. ललित मोदी 25. रितेश जैनी 26. हितेश एन पटेल 27. मयूरीबेहन पटेल 28. आशीष सुरेशबाई
कुल डकैती: 10,000,000,000,000/- (दस ट्रिलियन रुपये)
इनमें से कोई भी ....
आरएसएस से नहीं।
बजरंग दल का कोई नहीं है।
श्री राम सेना का कोई नहीं है।
हिन्दू विजिलेंस फोरम का कोई सदस्य नहीं है।
इनमें से कोई भी बीजेपी का नहीं है।
इनमें से कोई भी विश्व हिंदू परिषद से संबंधित नहीं है।
एक और बात, इन सब नाम में से किसी ने भी 1 मई 2014 के बाद से किसी भी बैंक से कर्ज नहीं लिया है। बैंक डकैती का दौर था... 2004 - 2014 तक जब /सोनिया/वाड्रा कांग्रेस सत्ता में थी। और आज ये सभी बेशर्म कांग्रेसी मोदी को चोर कहते हैं।
जबकि...... मोदी जी के आते ही सारे खेल थम गए...
ज्यादा से ज्यादा शेयर करें... देश को बचाना है तो देशद्रोहियों का पर्दाफाश करना होगा।
अवश्य पढ़ें और शेयर करें।
जिस हाल में आज पाकिस्तान हैं, एैसे ही हाल में छोड़ के गए थे राजीव गाँधी भारत को...
सोनिया ने पर्दे के पीछे किस कदर लूट की होगी ? सोचिये...
तब 40 करोड़ के लिए सोना गिरवी रखा था... जबकि 64 करोड़ की दलाली तो सिर्फ बोफोर्स में खाई गयी थी...
RBI गवर्नर रहे Y.V रेड्डी की पुस्तक ADVISE AND DECENT से साभार...
काँग्रेस के शासनकाल में सिर्फ 40 करोड़ रुपए के लिए हमें अपना 47 टन सोना गिरवी रखना पड़ा था ।
ये स्थिति थी भारतीय इकॉनॉमी की ।
मुझे याद हैं नब्बे के शुरुआती दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था को, वो दिन भी देखना पड़ा था जब, भारत जैसे देश को भी अपना सोना विश्व बैंक में गिरवी रखना पड़ा था...
राजीव गाँधी के शासनकाल में देश की तिजोरी खाली हो चुकी थी । और तभी प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की हत्या लिट्टे के आतंकियों ने कर दी थी...
चन्द्रशेखर तब नए नए प्रधान मंत्री बने थे... तिजोरी खाली थी । वे घबरा गए । करें तो क्या करें ?
Reddy अपने पुस्तक मे लिखते हैं कि पूरे देश में एक तरह का निराशा भरा माहौल था... राजीव गाँधी ने अपने शासनकाल में कोई रोज़गार नहीं दिया था।
नया उद्योग धन्धा नहीं... एक बिजनेस डालने जाओ तो पचास जगह से NOC लेकर आना पड़ता था।
काँग्रेस द्वारा स्थापित लाइसेंस परमिट के उस दौर में, चारों तरफ बेरोज़गारी और हताशा क आलम था...
दूसरी तरफ देश में मंडल और कमंडल की लड़ाई छेड़ी हुई थी...
1980 से 1990 के दशक तक देश में काँग्रेस ने Economy को ख़त्म कर दिया था... उसी दौरान बोफोर्स तोपों में दलाली का मामला सामने आया...
किताब में Reddy लिखते हैं कि, गाँधी परिवार की अथाह लूट ने, देश की अर्थ व्यवस्था को रसातल में पहुँचा दिया था।
Reddy अपनी किताब में लिखते हैं कि, उन दिनों भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया था कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपना सोना विश्व बैंको में गिरवी रखने का फैसला किया... हालात ये हो गए थे कि देश के पास तब केवल 15 दिनों का आयात करने लायक ही पैसा था।
तब तत्कालीन प्रधान मंत्री चन्द्रशेखर के आदेश से, भारत ने 47 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में गिरवी रखा था...
उस समय एक दिलचस्प और भारतीय जनमानस को शर्म सार करने वाली घटना घटी... RBI को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में 47 टन सोना पहुँचाना था। ये वो दौर था जब मोबाइल तो होते नहीं थे और लैंड लाइन भी सीमित मात्रा में हुआ करती थी।
नयी दिल्ली स्थित RBI का इतना बुरा हाल था की बिल्डिंग से 47 टन सोना नयी दिल्ली एयर पोर्ट पर एक वैन द्वारा पहुँचाया जाना था. वहां से ये सोना इंग्लैंड जाने वाले जहाज पर लादा जाना था, खैर बड़ी मशक्कत के बाद ये 47 टन सोना इंग्लैंड पहुँचा और ब्रिटेन ने भारत को 40.05 करोड़ रुपये कर्ज़ दिये।
भारतीय अर्थ व्यवस्था से जुडी इस पुरानी तथा मन को दुःखी करने वाली घटना का उदाहरण मैंने इसलिए दिया ताकि, लोगों को पता चले कि काँग्रेस के जो बेशर्म नेता और समर्थक, मोदीजी के ऊपर, देश की अर्थ व्यवस्था चौपट करने का इल्जाम लगाते हैं, उस कमअक्ल लुटेरे गाँधी परिवार की लापरवाही की वजह से ही, देश को अपना सोना महज़ 40 करोड़ का कर्ज पाने के लिए गिरवी रखना पड़ा था ।
किसी देश के लिए इससे ज्यादा अपमान और शर्म की बात क्या हो सकती हैं ।
मुझे बेहद हँसी, हैरानी और गुस्सा आता हैं जब, देश को महज़ 40 करोड़ रुपये के लिए गिरवी रखने वाले लोग कहते हैं कि, मोदीजी ने भारत की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद कर दिया.
श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय, एक मशहूर कम्पनी, एनरॉन नें, महाराष्ट्र के दाभोल में कारखाना लगाने की प्लानिंग की ..!!
लेकिन, यह स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण, हो न सका !!
फलस्वरूप, बदलती विषम परिस्थितियों से नाराज एनरॉन नें, भारत सरकार पर ₹38,000 करोड़ के नुकसान की भरपाई का मुकदमा दायर कर दिया ..।।
वाजपेयी सरकार ने हरीश सालवे (सालवे जी नें, कुलभूषण जाधव का मुकदमा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लड़ कर जीता ..) को भारत सरकार का वकील नियुक्त किया ..।।
पर आप जान कर चोंक जाएंगे कि, एनरॉन के वकील पी. चिदंबरम बनें ..!! यानी, पी चिदंबरम भारत के विरुद्ध ..।।
समय बीतता चला गया ..!! बादमें 'यूपीए' सरकार बनी ..!! कैबिनेट मंत्री चिदंबरम, एनरॉन की तरफ से मुकदमा नहीं लड़ सकते थे ..!! पर वो कानूनी सलाहकार बने रहे और, वो मुकदमे को एनरॉन के पक्ष में करने में सक्षम थे ..।।
😠 *अगला खुलासा* *और चौकानें वाला* *है* !!
चिदंबरम ने तुरंत हरीश सालवे को एनरॉन केस से हटा दिया ..।। हरीश साल्वे की जगह, खबर कुरेशी को नियुक्त किया गया ..।।आप ठीक समझे, ये वही पाकिस्तानी वकील है जिसनें, कुलभूषण जाधव केस में, पाकिस्तान सरकार का मुकदमा लड़ा ..!!
कांग्रेस ने भारत सरकार कि तरफ से, पाकिस्तानी वकील को ₹1400/- करोड़ दिये वकील कि फीस के रुप में ..।। अंततः भारत मुकदमा हार गया और भारत सरकार को ₹38,000/- करोड़ का भारी भरकम मुआवजा देना पड़ा ..।। लेकिन, लुटीयन मिडिया ने ये खबर या तो गोल दी या सरसरी तौर पर नहीं दिखाई !!
अब सोचिए कि ₹38000/- करोड़ का मुकदमा लडने के लिए फीस कितनी ली होगी ..?? जो पाठक किसी क्लेम के केस मे वकील कि फीस तय करते है उन्हें पता होगा कि, वकील केस देखकर दस प्रतिशत से लेकर साठ प्रतिशत तक फीस लेता है ..।।
--- *सोचिए इस पर* *कोई हंगामा नही हुआ ..??*
अगर ये केस मोदी के समय मे होता, और भारत सरकार कोर्ट में हार जाती तो ..?? चमचो की छोड़िए, भक्त भी डंडा लेकर मोदी के पीछे दोड़ते ..।।
और एक मजेदार बात .. जिन कम्पनियों का एनरॉन मे निवेश करके यह प्रोजेक्ट केवल फाईल किया था उनका निवेश महज मात्र 300 मिलियन डालर .. याने उस वक्त कि डालर रुपया विनियम दर के हिसाब से, महज ₹1530/- करोड़ था, और वह भी बैठे बिठाये ..।। महज सात साल मे ₹38,000/- करोड़ का फायदा ..!! वो भी एक युनिट बिजली का संयंत्र लगाये बिना ..??
😠 *कांग्रेस हमारी सोचने की* *क्षमता से भी ज्यादा* *विनाशकारी है !!*
(यह थी 'विश्व प्रसिद्ध' अर्थशास्त्री, अनुभवी और पढे लिखे लुटेरो की सरकार ..!!) *जिस किसी को भी कोई शंका* *हो वो गूगल में जाकर देख सकता है।*
🔥जन जागरण अभियान के लिए जारी किया गया।
आज जितने भी लोग मोदीजी को और उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं उस समय सब मौन धारण करे हुए थे वो सब ये बात जानते थे कि कांग्रेस क्या कुछ कर सकती है।
अगर आज ऐसे लोग सुरक्षित हैं तो केवल मोदीजी के कारण, *आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विश्व में चौथे स्थान पर है* मगर ग़ुलाम कहते हैं कि Modi ने किया ही क्या है।
आदरणीय बन्धुओ कांग्रेस नें जो गद्दारी देश के साथ की है, इनके कुकर्मो का ढिंढोरा सोशल मीडिया पर खूब वायरल करना चाहिए, जिससे हमारी युवा पीढ़ी को भी जानकारी होनी चाहिए, कि देश अन्य देशों से इन 70 सालों में पीछे कैसे रह गया ।
हम लोग इतना तो कर ही सकते है
🇮🇳🇮🇳🇮🇳 *जय हिन्द जय भारत* 🚩🚩🚩
भाजपा-मोदी को महाराष्ट्र से जो ताकत मिली, उससे अब संसद में वक्फ एक्ट संशोधन वाला प्रस्ताव पास करा लिया जाएगा।
कांग्रेस के लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात है कि प्रियंका गांधी भी सांसद बन गई है।
==============
सब जानते हैं कि वक्फ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव गत मानसून सत्र में ही स्वीकृत होना था, लेकिन तब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद देश में जो हलचल हुई उसे देखते हुए प्रस्ताव को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। यानी प्रस्ताव को स्वीकृत करने का मामला लोकसभा और राज्यसभा में टाल दिया गया, लेकिन 23 नवंबर को महाराष्ट्र में विधानसभा के जो परिणाम सामने आए, उससे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नई ताकत मिली है। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति के गठबंधन को जो 231 सीटें मिली उसकी ताकत को रात को ही पीएम मोदी ने एहसास कराया। परिणाम के बाद दिल्ली स्थित भाजपा के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया उसमें वक्फ बोर्ड का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने तुष्टीकरण के चलते वक्फ एक्ट बना दिया। यानी पीएम मोदी मानते हैं कि देश में वक्फ एक्ट की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि अभी इस एक्ट को पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन किए जा रहे है। इन संशोधनों के बाद वक्फ संपत्तियों पर मुसलमानों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। देश के विकास में वक्फ संपत्तियों पर एकाधिकार सबसे बड़ी बाधा है। कई शहरों में वक्फ के दखल के कारण विकास नहीं हो रहा है। रक्षा और रेलवे के बाद देश की सबसे ज्यादा भूमि वक्फ के पास है। संशोधन के बाद वक्फ की संपत्तियों का भी सार्वजनिक कार्यों के लिए उपयोग हो सकेगा। इसके साथ ही उन संस्थाओं पर शिकंजा कसेगा जो वक्फ के नाम पर देश की संपत्तियों पर कब्जा कर बैठी हैं। संशोधन के बाद मुसलमानों को भी फायदा होगा। क्योंकि अभी वक्फ एक्ट के कारण मुसलमानों को भी अपने अधिकार नहीं मिल रहे हैं। एक्ट की आड़ में कुछ मुस्लिम संस्थाएं संपत्तियों का दुरुपयोग कर रही है। मुंबई जैसे महानगर में तो वक्फ के कारण आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। ऐसी ही स्थिति में देश की राजधानी दिल्ली की भी है। संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने पहले ही कह दिया है कि 25 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। जानकार सूत्रों के अनुसार बदली हुई परिस्थितियों में केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन वाले प्रस्ताव को दोनों संसद में स्वीकार कराने की रणनीति बना ली है। हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत से पीएम मोदी का उत्साह हाई है।
कांग्रेसी की खुशी:
कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 288 में से 101 सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे मात्र 15 सीट ही मिल पाई। लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा खुशी की बात यह है कि केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी सांसद बन गई है। प्रियंका ने चार लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। अब गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में है। श्रीमती सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा की सांसद है तो उनके पुत्र राहुल गांधी रायबरेली से लोकसभा के सांसद हैं। अब पुत्री प्रियंका गांधी भी सांसद बन गई है। दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास पहले से ही सरकारी बंगले हैं और अब प्रियंका गांधी को भी सरकारी बंगला मिल जाएगा। चूंकि राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी है, इसलिए प्रियंका गांधी को लोकसभा में नई जिम्मेदारी भी मिल सकती है। फिलहाल प्रियंका गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव है। वायनाड चुनाव की कमान प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के पास थी। रॉबर्ट वाड्रा भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। प्रियंका गांधी की जीत से कांग्रेस का कार्यकर्ता भी बेहद खुश है।
Jhalko News 24x7 News